उत्तराखंड की "रहस्यमयी झील" को रूपकुंड झील कहा जाता है । रूपकुंड झील भारत के उत्तराखंड में एक उच्च ऊंचाई वाली हिमनद झील है, जिसने अपने तटों के पास पाए गए कई मानव कंकालों की खोज के कारण कुख्याति प्राप्त की, जिसके कारण इसका उपनाम "रहस्यमय झील" या "कंकालों की झील" पड़ा। रूपकुंड झील की सबसे रहस्यमय बात यह है कि यहां सैकड़ों मानव कंकाल पाए गए हैं, जो झील के जमने पर साफ दिखते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि ये कंकाल लगभग 9वीं शताब्दी के हैं। कुछ शोध बताते हैं कि इन लोगों की मृत्यु अचानक ओलावृष्टि के कारण हुई थी।
रूपकुंड झील के बारे में मुख्य बातें:
रूपकुंड ट्रेक भारत के सबसे लोकप्रिय हाई एल्टीट्यूड ट्रेक्स में से एक है। यह ट्रेक उत्तराखंड के लोहाजंग से शुरू होकर बुग्यालों, घने जंगलों और बर्फ से ढकी पहाड़ियों से होकर गुजरता है।
लोहाजंग – ट्रेक की शुरुआत
दिदिना गाँव
अल्टम बुग्याल – विशाल घास के मैदान
बेदनी बुग्याल – शिव मंदिर और अद्भुत दृश्य
भगुवावासा – अंतिम पड़ाव
रूपकुंड झील
रूपकुंड ट्रेक के लिए सबसे अच्छा समय मई से जून और सितंबर से अक्टूबर तक होता है। इस दौरान मौसम अपेक्षाकृत साफ और ट्रेकिंग के लिए अनुकूल रहता है।
यह एक मॉडरेट टू डिफिकल्ट लेवल का ट्रेक है, इसलिए शारीरिक फिटनेस जरूरी है।
मौसम बहुत तेजी से बदल सकता है, इसलिए वॉटरप्रूफ जैकेट, थर्मल कपड़े, और जरूरी दवाइयाँ साथ रखें।
यह क्षेत्र पर्यावरण-संवेदनशील है, इसलिए प्लास्टिक या कूड़ा न फैलाएं।
रूपकुंड झील एक ऐसा स्थान है जहाँ प्रकृति की सुंदरता, इतिहास का रहस्य और रोमांच एक साथ मिलते हैं। यदि आप एक साहसिक और आत्म-खोज की यात्रा पर जाना चाहते हैं, तो यह ट्रेक आपके जीवन की सबसे यादगार यात्राओं में से एक बन सकता है।